महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले में महिला साइंटिस्ट ने अपने पिता की मौत का बदला लेने के लिए अपने पति सहित ससुराल के चार अन्य सदस्यों की अनोखे तरीके से हत्या कर दी। मौत के शुरुआत में तो लगा कि ये मौतें साधारण हुई हैं, लेकिन अचानक मौत मामले में नया मोड़ आया।
पुलिस ने जब पड़ताल की तो ये पूरा मामला 22 साल की महिला साइंटिस्ट का अपने पिता की आत्महत्या किए जाने का बदला निकला।
जानकारी के मुताबिक आरोपी की कृषि वैज्ञानिक संघमित्रा के रूप में हुई है। संघमित्रा ने पिछले दिसंबर 2022 में रोशन कुंभारे से लव मैरिज की थी, संघमित्रा के इस फैसले से उनके परिजन खुश नहीं थे।
लव मैरिज के बाद जब संघमित्रा अपने ससुराल पहुंची तो यहां पति का व्यवहार बदलने लगा। पति का व्यवहार बदला शुरू हुआ तो लड़ाई झगड़ा रहने लगा। जब इसकी जानकारी अकोला में रहने वाले पिता को हुई तो उन्होंने सुसाइड कर लिया। पिता की मौत के बाद संघमित्रा पूरी तरह से टूट गई।
कुछ दिनों बाद संघमित्रा के पति की मामी रोजी रामटेके आई। रोजी ने पारिवार विवादों के चक्कर में संघमित्रा को भड़काना शुरू कर दिया और पिता की मौत का बदला लेने में उसकी मदद का भरोसा दिया। संघमित्रा को जब रोजी का साथ मिला तो उसने पति और उसके परिजनों की हत्या का प्लान बनाया।
करीब 60 दिनों की प्लानिंग के बाद संघमित्रा ने थैलियम (ज़हर) का यूज कर सभी को मौत की नींद सुलाने का प्लान बनाया।
थैलियम (ज़हर) थोड़ा-थोड़ा कर पति और परिवार के अन्य लोगों को खाने में मिलाकर देना शुरू कर दिया।
बताया गया है कि सबसे पहले 20 सितंबर को संघमित्रा के ससुर शंकर कुंभारे और उसकी पत्नी विजया की तबीयत खराब हुई, दोनों को नागपुर अस्पताल में भर्ती कराया, जहां 26 और 27 सितंबर को दोनों की मौत हो गई।
उसके बाद संघमित्रा के पति, बहन कोमल, जेठ रोशन और उसकी बेटी आनंदा की तबीयत बिगड़ी जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया, इलाज के दौरान 8 अक्टूबर को कोमल, 14 को आनंदा और 15 अक्टूबर को रोशन की भी मौत हो गई।
*ऐसे उठा मौत के राज से पर्दा*
जब कोमल, रोशन और आनंदा को अस्पताल में भर्ती कराया गया तब उनकी एक जैसी हालत देखकर डॉक्टर चौंक गए, डॉक्टरों को शक हुआ कि तीनों को जहर दिया गया है, मौत के बाद पोस्टमार्टम किया गया रिपोर्ट में जहर की पुष्टि हुई। पुलिस ने शक के आधार पर 18 अक्टूबर को संघमित्रा और रोजी को गिरफ्तार कर लिया है।
काफी जहरीला होता है थैलियम
संघमित्रा ने जिस थैलियम का यूज किया था, वो काफी जहरीला होता है। विलियम क्रुक्स नाम के साइंटिस्ट ने 19वीं शताब्दी में इसकी खोज की थी। थैलियम का यूज अधिकतर खेतों में लगने वाले कीट और चूहों को मारने के लिए किया जाता है।